कितना और बदलूँ खुद को, जीने के लिए ऐ ज़िन्दगी; मुझमें थोडा सा तो मुझको बाकी रहने दे। |
एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं, वरना नफरत और मोहब्बत एक ही दिल से होती है। |
ज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ हो; कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए दिल बेचैन हो जाता है। |
हम तो सोचते थे कि लफ्ज़ ही चोट करते हैं; मगर कुछ खामोशियों के ज़ख्म तो और भी गहरे निकले। |
दर्द से हम अब खेलना सीख गए; बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए; क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा; मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए। |
हमें भी याद रखें जब लिखें तारीख गुलशन की; कि हमने भी लुटाया है चमन में आशियां अपना। |
ऐ आईने तेरी भी हालत अजीब है मेरे दिल की तरह; तुझे भी बदल देते हैं यह लोग तोड़ने के बाद। |
मत पूछ कैसे गुज़र रही है ज़िन्दगी; उस दौर से गुज़र रहा हूँ जो गुज़रता ही नहीं। |
तेरी दुनिया में जीने से तो बेहतर हैं कि मर जायें; वही आँसू, वही आहें, वही ग़म है जिधर जायें; कोई तो ऐसा घर होता जहाँ से प्यार मिल जाता; वही बेगाने चेहरे हैं जहाँ जायें जिधर जायें। |
सब कुछ बदला बदला था जब बरसो बाद मिले; हाथ भी न थाम सके वो इतने पराये से लगे। |