बेवफ़ाई Hindi Shayari

  • ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;<br/>
कर ले तू सितम, तेरी हसरत जहाँ तक है;<br/>
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी;<br/>
हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है।Upload to Facebook
    ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक है;
    कर ले तू सितम, तेरी हसरत जहाँ तक है;
    वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी;
    हमें तो देखना है तू बेवफ़ा कहाँ तक है।
  • कभी करीब तो कभी जुदा है तू;<br/>
जाने किस-किस से खफा है तू;<br/>
मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था;<br/>
पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।Upload to Facebook
    कभी करीब तो कभी जुदा है तू;
    जाने किस-किस से खफा है तू;
    मुझे तो तुझ पर खुद से ज्यादा यकीं था;
    पर ज़माना सच ही कहता था कि बेवफ़ा है तू।
  • जानते थे कि नहीं हो सकते कभी तुम हमारे;<br/>
फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी;<br/>
पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम;<br/>
कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी।Upload to Facebook
    जानते थे कि नहीं हो सकते कभी तुम हमारे;
    फिर भी खुदा से तुम्हें माँगने की आदत हो गयी;
    पैमाने वफ़ा क्या है, हमें क्या मालूम;
    कि बेवफाओं से दिल लगाने की आदत हो गयी।
  • ज़िन्दगी से बस यही गिला है;<br/>
ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है;<br/>
हमने तो उनसे वफ़ा की थी;<br/>
पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।Upload to Facebook
    ज़िन्दगी से बस यही गिला है;
    ख़ुशी के बाद क्यों ये गम मिला है;
    हमने तो उनसे वफ़ा की थी;
    पर नहीं जानते थे कि बेवफाई ही वफ़ा का सिला है।
  • हम जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये 'फराज';<br/>
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।Upload to Facebook
    हम जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये 'फराज';
    हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।
  • जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए;<br/>
इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए;<br/>
करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें;<br/>
आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए।Upload to Facebook
    जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गए;
    इंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गए;
    करते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातें;
    आज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए।
  • उसे लगता है उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती;<br/>
मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ उसे अपनी नज़रों से गिरते हुए।Upload to Facebook
    उसे लगता है उसकी चालाकियाँ मुझे समझ नही आती;
    मैं बड़ी खामोशी से देखता हूँ उसे अपनी नज़रों से गिरते हुए।
  • फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने;<br/>
उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने;<br/>
वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी;<br/>
समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।Upload to Facebook
    फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने;
    उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने;
    वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी;
    समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
  • मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफा का क़सूर;<br/>
जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।Upload to Facebook
    मेरी तलाश का जुर्म है या मेरी वफा का क़सूर;
    जो दिल के करीब आया वही बेवफा निकला।
  • वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;<br/>
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;<br/>
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;<br/>
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।Upload to Facebook
    वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन;
    वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले;
    चिराग तमन्ना का जला तो दिया था;
    मगर बुझ गया जगमगाने से पहले।