कभी मिलो तो बताऊँ कैसे तड़पाती हैं आपकी यादें; दिल से धड़कन निकाल ले जाती हैं आपकी यादें! |
तू देख सकता काश रात के पहरे में मुझको; कितनी बेदर्दी से तेरी याद मेरी नींद चुरा लेती है! |
कितनी हसीन हो जाती है उस वक़्त दुनिया; जब अपना कोई कहता है तुम याद आ रहे हो! |
यादें करवट बदल रही हैं, और मैं तनहा तनहा सा हूँ; वक़्त भी जिससे रूठ गया है, मैं वो बेबस लम्हा हूँ! |
याददाश्त का कमज़ोर होना कोई बुरी बात नहीं है ज़नाब; बहुत बेचैन रहते हैं वो लोग जिन्हें हर बात याद आती रहती है! |
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो; न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए! |
चीजें कहाँ खूबसूरत होती हैं, यादें खूबसूरत होती हैं; लम्हें खूबसूरत होते हैं, और हाँ कुछ लोग भी खूबसूरत होते हैं! |
गुज़र जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही मुसाफिरों की तरह; यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं रूके रास्तों की तरह! |
फुर्सत में भी फुर्सत नहीं मिली उन्हें हमें याद करने की, आजकल हम किसी के लिये इतने फ़िज़ूल हो गये। |
बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरी यादों का कारोबार; मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो ही जाता है! |