हुस्न Hindi Shayari

  • आँखों में सितारे रहने दे;<br/>
जीने के सहारे रहने दे!Upload to Facebook
    आँखों में सितारे रहने दे;
    जीने के सहारे रहने दे!
    ~ Nadeem Rafi
  • तेरी आँखें ने रहीं आईना-खाना मिरे दोस्त;<br/>कितनी तेजी से बदलता है ज़माना मिरे दोस्त!Upload to Facebook
    तेरी आँखें ने रहीं आईना-खाना मिरे दोस्त;
    कितनी तेजी से बदलता है ज़माना मिरे दोस्त!
    ~ Faisal Ajmi
  • कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा; <br/>
कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा! Upload to Facebook
    कल चौदहवीं की रात थी शब भर रहा चर्चा तेरा;
    कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा!
    ~ Ibn e Insha
  • होश में आऊँ तो सोचूँ अभी देखा क्या है; <br/>
फिर ये पूछूँ कि ये पर्दा है तो जल्वा क्या है! Upload to Facebook
    होश में आऊँ तो सोचूँ अभी देखा क्या है;
    फिर ये पूछूँ कि ये पर्दा है तो जल्वा क्या है!
    ~ Ehsan Akbar
  • सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे; <br/>
वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!Upload to Facebook
    सर किया ज़ुल्फ़ की शब को तो सहर तक पहुँचे;
    वर्ना हम लोग कहाँ हुस्न-ए-नज़र तक पहुँचे!
    ~ Gaffar Babar
  • जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में;<br/>
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में!Upload to Facebook
    जो सूरुर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में;
    बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में!
  • क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के;<br/>
कुछ यूँ चर्चें हैं, तुम्हारी आँखों के!Upload to Facebook
    क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के;
    कुछ यूँ चर्चें हैं, तुम्हारी आँखों के!
  • उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए;<br/>
अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे!Upload to Facebook
    उनकी चाल ही काफी थी इस दिल के होश उड़ाने के लिए;
    अब तो हद हो गई जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे!
  • इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में; <br/>
या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर! Upload to Facebook
    इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में;
    या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर!
    ~ Allama Iqbal
  • तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी;<br/>
दोनों को ही एक-अदा में रजामंद कर गई!Upload to Facebook
    तेरी निगाह दिल से जिगर तक उतर गयी;
    दोनों को ही एक-अदा में रजामंद कर गई!