Abdullah Kamal Hindi Shayari

  • एक हक़ीक़त हूँ अगर इज़हार हो जाऊँगा मैं;<br />
जाने किस किस जुर्म का इक़रार हो जाऊँगा मैं!Upload to Facebook
    एक हक़ीक़त हूँ अगर इज़हार हो जाऊँगा मैं;
    जाने किस किस जुर्म का इक़रार हो जाऊँगा मैं!
    ~ Abdullah Kamal