Ahmad Kamal Abdullah Hindi Shayari

  • कोई उस शहर में...

    कोई उस शहर में कब था उसका;
    उसे यह ​​​ज़ो'म कि रब था उसका;

    उसकी रग-रग में उतरती रही आग;
    उसके अंदर ही ग़ज़ब था उसका;

    वही सिलसिला-ए-तार-ए-नफ़स;
    वही जीने का सबब था उसका;

    सिद्क़-जदा था वो शहज़ादा कमाल;
    बस यही नाम-ओ-नसब था उसका।

    Translation:
    ज़ो'म= गर्व
    सिद्क़= सच
    ~ Ahmad Kamal Abdullah