Ahsan Marahravi Hindi Shayari

  • मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है;</br>
ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है!Upload to Facebook
    मुझे ख़बर नहीं ग़म क्या है और ख़ुशी क्या है;
    ये ज़िंदगी की है सूरत तो ज़िंदगी क्या है!
    ~ Ahsan Marahravi
  • जब तक अपने दिल में उनका गम रहा;
    हसरतों का रात दिन मातम रहा;
    हिज्र में दिल का ना था साथी कोई;
    दर्द उठ-उठ कर शरीक-ए-गम रहा।
    ~ Ahsan Marahravi