Ajaz khan Hindi Shayari

  • महीने फिर वही होंगे सुना है साल बदलेगा!
    परिंदे फिर वही होंगे शिकारी जाल बदलेगा!!
    वही हाकिम, वही ग़ुरबत, वही कातिल, वही गाज़िब!
    न जाने कितने सालों में मुल्क का हाल बदलेगा!!
    ~ Ajaz khan