फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया; फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतज़ार का! *वादा-ए-वस्ल: मिलने का वादा |
मानी हैं मैंने सैकड़ों बातें तमाम उम्र; आज आप एक बात मेरी मान जाइए! |
आँखें दिखलाते हो जोबन तो दिखाओ साहब; वो अलग बाँध के रखा है जो माल अच्छा है! |
हटाओ आइना उम्मीद-वार हम भी हैं; तुम्हारे देखने वालों में यार हम भी हैं! |