Asrar ul Haq Majaz Hindi Shayari

  • बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना;<br/>
तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है!Upload to Facebook
    बहुत मुश्किल है दुनिया का सँवरना;
    तिरी ज़ुल्फ़ों का पेच-ओ-ख़म नहीं है!
    ~ Asrar ul Haq Majaz
  • आँख से आँख जब नहीं मिलती;<br/>
दिल से दिल हम-कलाम होता है!Upload to Facebook
    आँख से आँख जब नहीं मिलती;
    दिल से दिल हम-कलाम होता है!
    ~ Asrar ul Haq Majaz
  • सब का तो मुदावा कर डाला अपना ही मुदावा कर न सके;
    सब के तो गिरेबाँ सी डाले अपना ही गिरेबाँ भूल गए।
    ~ Asrar ul Haq Majaz
  • ख़िरद वालों से हुस्न ओ इश्क़ की तन्क़ीद क्या होगी;
    न अफ़्सून-ए-निगह समझा न अंदाज़-ए-नज़र जाना।

    शब्दार्थ:
    अफ़्सून-ए-निगह = नज़र का जादू
    ~ Asrar ul Haq Majaz