Danish Nazeer Dani Hindi Shayari

  • मेरी हवस के अंदरूँ महरूमियाँ हैं दोस्त;<br/>
वामाँदा-ए-बहार हूँ घटिया कहे सो हूँ!<br/><br/>

*महरूमियाँ - deprivation<br/>
*वामाँदा-ए-बहार - fatigued of springUpload to Facebook
    मेरी हवस के अंदरूँ महरूमियाँ हैं दोस्त;
    वामाँदा-ए-बहार हूँ घटिया कहे सो हूँ!

    *महरूमियाँ - deprivation
    *वामाँदा-ए-बहार - fatigued of spring
    ~ Danish Nazeer Dani