Ghulam Hussain Sajid Hindi Shayari

  • ढूंढ लाया हूँ ख़ुशी की छाँव जिस के वास्ते;<br/>
एक ग़म से भी उसे दो-चार करना है मुझे!Upload to Facebook
    ढूंढ लाया हूँ ख़ुशी की छाँव जिस के वास्ते;
    एक ग़म से भी उसे दो-चार करना है मुझे!
    ~ Ghulam Hussain Sajid