Lala Madhav Ram Jauhar Hindi Shayari

  • ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है;</br>
हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है!Upload to Facebook
    ग़ैरों से तो फ़ुर्सत तुम्हें दिन रात नहीं है;
    हाँ मेरे लिए वक़्त-ए-मुलाक़ात नहीं है!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने;</br>
दिल से तो पूछ लीजिए क्यों बे-क़रार है!Upload to Facebook
    समझा लिया फ़रेब से मुझ को तो आप ने;
    दिल से तो पूछ लीजिए क्यों बे-क़रार है!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया;</br>
ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।Upload to Facebook
    भाँप ही लेंगे इशारा सर-ए-महफ़िल जो किया;
    ताड़ने वाले क़यामत की नज़र रखते हैं।
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ;</br>
दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो!Upload to Facebook
    जो दोस्त हैं वो माँगते हैं सुल्ह की दुआ;
    दुश्मन ये चाहते हैं कि आपस में जंग हो!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • तुझ सा कोई जहान में नाज़ुक-बदन कहाँ;</br>
ये पंखुड़ी से होंठ ये गुल सा बदन कहाँ!Upload to Facebook
    तुझ सा कोई जहान में नाज़ुक-बदन कहाँ;
    ये पंखुड़ी से होंठ ये गुल सा बदन कहाँ!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • न वो सूरत दिखाते हैं न मिलते हैं गले आकर;</br>
न आँखें शाद होतीं हैं न दिल मसरूर होता है!</br></br>
*शाद: ख़ुशUpload to Facebook
    न वो सूरत दिखाते हैं न मिलते हैं गले आकर;
    न आँखें शाद होतीं हैं न दिल मसरूर होता है!

    *शाद: ख़ुश
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • लड़ने को दिल जो चाहे तो आँखें लड़ाइए;</br>
हो जंग भी अगर तो मज़ेदार जंग हो!Upload to Facebook
    लड़ने को दिल जो चाहे तो आँखें लड़ाइए;
    हो जंग भी अगर तो मज़ेदार जंग हो!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar
  • अरमान वस्ल का मेरी नज़रों से ताड़ के;<br/>
पहले से ही वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के!Upload to Facebook
    अरमान वस्ल का मेरी नज़रों से ताड़ के;
    पहले से ही वो बैठ गए मुँह बिगाड़ के!
    ~ Lala Madhav Ram Jauhar