Munir Niazi Hindi Shayari

  • ख़्वाब होते हैं देखने के लिए;</br>
उन में जा कर मगर रहा न करो!Upload to Facebook
    ख़्वाब होते हैं देखने के लिए;
    उन में जा कर मगर रहा न करो!
    ~ Munir Niazi
  • अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;</br>
शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!</br></br>
* मुंतज़िर: Expectant, One who waitsUpload to Facebook
    अब कौन मुंतज़िर है हमारे लिए वहाँ;
    शाम आ गयी है लौट के घर जाएँ हम तो क्या!

    * मुंतज़िर: Expectant, One who waits
    ~ Munir Niazi
  • मुद्दत के बाद आज उसे देख कर 'मुनीर';<br/>
इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया!Upload to Facebook
    मुद्दत के बाद आज उसे देख कर 'मुनीर';
    इक बार दिल तो धड़का मगर फिर सँभल गया!
    ~ Munir Niazi
  • आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए;<br/>
वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है!Upload to Facebook
    आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए;
    वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है!
    ~ Munir Niazi
  • मुझ से बहुत क़रीब है तू फिर भी ऐ 'मुनीर';
    पर्दा सा कोई मेरे तिरे दरमियाँ तो है।
    ~ Munir Niazi
  • जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी 'मुनीर';<br/>
ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं।Upload to Facebook
    जानता हूँ एक ऐसे शख्स को मैं भी 'मुनीर';
    ग़म से पत्थर हो गया लेकिन कभी रोया नहीं।
    ~ Munir Niazi
  • बेचैन बहुत फिरना घबराये हुए रहना;
    इक आग से जज्बों की भड़काए हुए रहना;
    आदत ही बना ली है तुम ने तो मुनीर अपनी;
    जिस शहर में भी रहना उकताए हुए रहना!
    ~ Munir Niazi