Mushafi Ghulan Hamdani Hindi Shayari

  • इतना गया हूँ दूर मैं ख़ुद से कि दम-ब-दम;</br>
करनी पड़े है अपनी भी अब इल्तिजा मुझे!</br></br>
*दम-ब-दम: बार बारUpload to Facebook
    इतना गया हूँ दूर मैं ख़ुद से कि दम-ब-दम;
    करनी पड़े है अपनी भी अब इल्तिजा मुझे!

    *दम-ब-दम: बार बार
    ~ Mushafi Ghulan Hamdani