Raaz Dadwal Hindi Shayari

  • मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,<br/>
वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।Upload to Facebook
    मुझमें और तवायफ में फर्के फक्त है इत्ता,
    वो शब निकले, मैं सुब से निकलूँ साज़ो श्रृंगार में।
    ~ Raaz Dadwal