shaarib sabri Hindi Shayari

  • तन्हाई में फ़रयाद तो कर सकता हूँ;
    वीराने को आबाद तो कर सकता हूँ|
    मैं जब चाहूँ आपसे मिल नही सकता;
    पर जब चाहूँ आपको याद तो कर सकता हूँ|
    ~ shaarib sabri