Sharib Lakhnavi Hindi Shayari

  • ये ज़िंदगी तो बहुत कम है दोस्ती के लिए;</br>
कहाँ से वक़्त निकलता है दुश्मनी के लिए!Upload to Facebook
    ये ज़िंदगी तो बहुत कम है दोस्ती के लिए;
    कहाँ से वक़्त निकलता है दुश्मनी के लिए!
    ~ Sharib Lakhnavi