Siraj Aurangabadi Hindi Shayari

  • ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही,</br>
न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही;</br>
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी,</br>
न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही!Upload to Facebook
    ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही,
    न तो तू रहा न तो मैं रहा जो रही सो बे-ख़बरी रही;
    शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगी,
    न ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही!
    ~ Siraj Aurangabadi