रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लें; जिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया! |
सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं; जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं! |
इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं; चंद लम्हों में फ़ैसला न करो। |
राह-ए-वफ़ा में हम को ख़ुशी की तलाश थी; दो गाम ही चले थे कि हर गाम रो पड़े। |
कि मैं जिंदा हूं अभी किसी रंजिश को हवा दो कि मैं जिंदा हूं अभी; मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; किसी... मेरे रुकने से मेरी सांसे भी रुक जाएंगी; फांसले और बढ़ा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; किसी... ज़हर पीने की तो आदत थी जमाने वालों; अब कोई और दवा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; किसी... चलती राहों में यूं ही आँख लगी है फाकिर; भीड़ लोगों की हटा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी; मुझको अहसास दिल दो, कि मैं जिंदा हूँ अभी; किसी... |