Sudarshan Faakir Hindi Shayari

  • रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लें;</br>
जिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया!Upload to Facebook
    रोने वालों से कहो उन का भी रोना रो लें;
    जिन को मजबूरी-ए-हालात ने रोने न दिया!
    ~ Sudarshan Faakir
  • सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं;<br/>
जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं!Upload to Facebook
    सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं;
    जिस को देखा ही नहीं उस को ख़ुदा कहते हैं!
    ~ Sudarshan Faakir
  • इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं;
    चंद लम्हों में फ़ैसला न करो।
    ~ Sudarshan Faakir
  • राह-ए-वफ़ा में हम को ख़ुशी की तलाश थी;
    दो गाम ही चले थे कि हर गाम रो पड़े।
    ~ Sudarshan Faakir
  • कि मैं जिंदा हूं अभी

    किसी रंजिश को हवा दो कि मैं जिंदा हूं अभी;
    मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    किसी...

    मेरे रुकने से मेरी सांसे भी रुक जाएंगी;
    फांसले और बढ़ा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    किसी...

    ज़हर पीने की तो आदत थी जमाने वालों;
    अब कोई और दवा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    मुझको अहसास दिल दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    किसी...

    चलती राहों में यूं ही आँख लगी है फाकिर;
    भीड़ लोगों की हटा दो कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    मुझको अहसास दिल दो, कि मैं जिंदा हूँ अभी;
    किसी...
    ~ Sudarshan Faakir