Syed Shakeel Desnavi Hindi Shayari

  • इतनी मुद्दत बाद मिले हो कुछ तो दिल का हाल कहो,</br>
कैसे बीते हम बिन प्यारे इतने माह-ओ-साल कहो;</br>
रूप को धोखा समझो नज़र का या फिर माया-जाल कहो,</br>
प्रीत को दिल का रोग समझ लो या जी का जंजाल कहो!</br></br>
*माह-ओ-साल: महीने और बरसUpload to Facebook
    इतनी मुद्दत बाद मिले हो कुछ तो दिल का हाल कहो,
    कैसे बीते हम बिन प्यारे इतने माह-ओ-साल कहो;
    रूप को धोखा समझो नज़र का या फिर माया-जाल कहो,
    प्रीत को दिल का रोग समझ लो या जी का जंजाल कहो!

    *माह-ओ-साल: महीने और बरस
    ~ Syed Shakeel Desnavi