Waliullah Muhib Hindi Shayari

  • दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह;</br>
दैर हिन्दू छोड़ कर काबा मुसलमाँ छोड़ कर!Upload to Facebook
    दोनों तेरी जुस्तुजू में फिरते हैं दर दर तबाह;
    दैर हिन्दू छोड़ कर काबा मुसलमाँ छोड़ कर!
    ~ Waliullah Muhib
  • है मेरे पहलू में और मुझ को नज़र आता नहीं;<br/>
उस परी का सेहर यारो कुछ कहा जाता नहीं!<br/><br/>
* सेहर - सम्मोहन, जादूUpload to Facebook
    है मेरे पहलू में और मुझ को नज़र आता नहीं;
    उस परी का सेहर यारो कुछ कहा जाता नहीं!

    * सेहर - सम्मोहन, जादू
    ~ Waliullah Muhib