Yagana Changezi Hindi Shayari

  • गुनाह गिन के मैं क्यों अपने दिल को छोटा करूँ;</br>
सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं!Upload to Facebook
    गुनाह गिन के मैं क्यों अपने दिल को छोटा करूँ;
    सुना है तेरे करम का कोई हिसाब नहीं!
    ~ Yagana Changezi
  • पहाड़ काटने वाले ज़मीन से हार गए;</br>
इसी ज़मीन में दरिया समाए हैं क्या क्या!Upload to Facebook
    पहाड़ काटने वाले ज़मीन से हार गए;
    इसी ज़मीन में दरिया समाए हैं क्या क्या!
    ~ Yagana Changezi
  • मुझे दिल कि ख़ता पर 'यास' शरमाना नहीं आता;<br/>
पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता!Upload to Facebook
    मुझे दिल कि ख़ता पर 'यास' शरमाना नहीं आता;
    पराया जुर्म अपने नाम लिखवाना नहीं आता!
    ~ Yagana Changezi
  • मेरी बहार-ओ-खिज़ां जिसके इख्तियार में थी;
    मिजाज़ उस दिल-ए-बेइख्तियार का न मिला।

    खिज़ां = पतझड़ मिजाज़ = मुलाकात
    ~ Yagana Changezi