अब इस घर की आबादी मेहमानों पर है; कोई आ जाए तो वक़्त गुज़र जाता है! |
जो दिल ने कही लब पे कहाँ आई है देखो; अब महफ़िल याराँ में भी तन्हाई है देखो! |
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था; पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्हीं से सीखा! |
नहीं नहीं हमें अब तेरी जुस्तुजू भी नहीं; तुझे भी भूल गए हम तेरी ख़ुशी के लिए! |