इश्क Hindi Shayari

  • कहो तो इश्क़ अपना आज कागज़ पे निकाल दूँ;<br/>
के तुम आ जाओ करीब तुमको लफ़्ज़ों में ढाल दूँ!
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    कहो तो इश्क़ अपना आज कागज़ पे निकाल दूँ;
    के तुम आ जाओ करीब तुमको लफ़्ज़ों में ढाल दूँ!
  • नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,<br/>

मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,<br/>

मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,<br/>

मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो।Upload to Facebook
    नहीं जो दिल में जगह तो नजर में रहने दो,
    मेरी हयात को तुम अपने असर में रहने दो,
    मैं अपनी सोच को तेरी गली में छोड़ आया हूँ,
    मेरे वजूद को ख़्वाबों के घर में रहने दो।
  • इक बार दिखाकर चले जाओ झलक अपनी;<br/>
हम जल्वा-ए-पैहम के तलबगार कहाँ है।<br/><br/>

जल्वा-ए-पैहम - लगातार दर्शन<br/>
तलबगार - ख्वाहिशमंद, मुश्ताक, अभिलाषी 
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    इक बार दिखाकर चले जाओ झलक अपनी;
    हम जल्वा-ए-पैहम के तलबगार कहाँ है।

    जल्वा-ए-पैहम - लगातार दर्शन
    तलबगार - ख्वाहिशमंद, मुश्ताक, अभिलाषी
  • इश्क जाने ये  कैसा  मौसम ले आया है;<br/>
के ग़म की बरसात में दोनों भीग रहे!Upload to Facebook
    इश्क जाने ये कैसा मौसम ले आया है;
    के ग़म की बरसात में दोनों भीग रहे!
  • इन आँखों में सूरत तेरी सुहानी है;<br/>
मोम सी पिघल रही मेरी जवानी है;<br/>
जिस शिद्दत से सितम हुए थे हम पर;<br/>
मर जाना चाहिए था, जिंदा हैं, हैरानी है!
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    इन आँखों में सूरत तेरी सुहानी है;
    मोम सी पिघल रही मेरी जवानी है;
    जिस शिद्दत से सितम हुए थे हम पर;
    मर जाना चाहिए था, जिंदा हैं, हैरानी है!
  • मोहब्बत के आँसू को यूँ बहाया नहीं जाता;<br/>
इस मोती को पागल यूँ गंवाया नहीं जाता;<br/>
लिए हैं बोसे मैंने लब-ए-जाना के जब से;<br/>
ऐसे - वैसों से मुंह अब लगाया नहीं जाता!
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    मोहब्बत के आँसू को यूँ बहाया नहीं जाता;
    इस मोती को पागल यूँ गंवाया नहीं जाता;
    लिए हैं बोसे मैंने लब-ए-जाना के जब से;
    ऐसे - वैसों से मुंह अब लगाया नहीं जाता!
  • न झगड़ें हम आपस में, झगड़कर टूट जायेंगे,<br/>
तुम्हारा आइना हम हैं, हमारा आइना तुम हो!Upload to Facebook
    न झगड़ें हम आपस में, झगड़कर टूट जायेंगे,
    तुम्हारा आइना हम हैं, हमारा आइना तुम हो!
  • दिल पे तन्हाई के सियाह अब्र छाने लगे हैं;<br/>
तेरे ग़म की लगता है बरसात होने वाली है!Upload to Facebook
    दिल पे तन्हाई के सियाह अब्र छाने लगे हैं;
    तेरे ग़म की लगता है बरसात होने वाली है!
  • हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो;<br/>
लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने!Upload to Facebook
    हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो;
    लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने!
  • यूँ ही नहीं ये सिरहाने, तेरी खुशबू से भर गए होंगे,<br/>

महके हुए कुछ ख़्वाब तेरे, मेरी आँखों से गिर गए होंगे!Upload to Facebook
    यूँ ही नहीं ये सिरहाने, तेरी खुशबू से भर गए होंगे,
    महके हुए कुछ ख़्वाब तेरे, मेरी आँखों से गिर गए होंगे!