यूँ तो कोई सबूत नहीं है कि तुम मेरे हो; ये दिल का रिश्ता तो बस यकीन से चलता है! |
ज़रा छू लु तुमको के मुझको यकीं आ जाये; लोग कहते है, मुझे साये से मोहब्बत है! |
तेरी आरज़ू में हमने बहारों को देखा; तेरी जुस्तजू में हमने सितारों को देखा; नहीं मिला इससे बढ़कर इन निगाहों को कोई; हमने जिसके लिए सारे जहान को देखा। |
रखना है तो फूलों को, तू रख ले निगाहों में; ख़ुशबू तो मुसाफ़िर है, खो जाएगी राहों में! |
न जाने क्या जादू है आपके पाक इश्क और अदाओं में; बेफ़िक्र हूँ ज़माने से और मसरूफ़ हूँ आपकी मोहब्बत में! |
आशिक़ी से मिलेगा ऐ ज़ाहिद; बंदगी से ख़ुदा नहीं मिलता! |
वज़ाहत इसकी पूछोगे तो फिर लाज़िम है उलझोगे; ये अक्सर बे-वजह होता है जिसको इश्क़ कहते हैं! |
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं, गम-ऐ-जुदाई से सब डरते हैं, हम तो न इश्क करते हैं न मुहब्बत, हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं! |
शब्दों को होठों पर रखकर दिल के भेद ना खोलो; आंखें मेरी सुन लेंगी बस तुम आँखों से बोलो! |
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए; तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है। |