तुझे कोई और भी चाहे इस बात से दिल थोड़ा जलता है, पर फखर है मुझे इस बात पर कि हर कोई मेरी पसंद पे ही मरता है। |
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी, ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है। |
तू होश में थी फिर भी हमें पहचान न पायी, एक हम हैं कि पी कर भी तेरा नाम लेते रहे। |
ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ, मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ, तेरी गलियों में फिरना इतना अच्छा लगता है, मैं रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भूल जाता हूँ। |
अदा है, ख्वाब है, तकसीम है, तमाशा है; मेरी इन आँखों में एक शख्स बेतहाशा है। |
बैठे हैं दिल में ये अरमां जगाये, कि वो आज नजरों से हमें अपनी पिलायें; मजा तो तब ही पीने का यारो, इधर हम पियें और नशा उनको हो जाये। |
मुद्दत के बाद उसने जो आवाज़ दी मुझे, कदमों की क्या बिसात थी, साँसे ठहर गयीं। |
मैंने अपने आप को हमेशा बादशाह समझा, एहसास तब हुआ जब तुझे माँगा फकीरों की तरह। |
तेरे जल्वों ने मुझे घेर लिया है ऐ दोस्त, अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते हैं। |
ये न जाने थे कि उस महफ़िल में दिल रह जाएगा, हम ये समझे थे चले आएँगे दम भर देख कर। |