ऐ काश कुदरत का कहीं ये नियम हुआ करे, तुझे देखने के सिवा ना मुझे कोई काम हुआ करे। |
मुझसे नफरत ही करनी है तो इरादे मजबूत रखना; जरा से भी चूक हुई तो मोहब्बत हो जायेगी। |
उनके लबो पर देखो फिर आज मेरा नाम आया है; लेकर नाम मेरा देखो महबूब आज कितना शरमाया है; पूछे मेरी ये आँखे उनसे कि कितनी मोहब्बत है मुझसे; बोले वो पलके झुका कि मेरी हर साँस में बस तू ही समाया है। |
मैं जो चाहूँ तो अभी तोड़ लूँ नाता तुम से; पर मैं बुझ-दिल हूँ मुझे मौत से डर लगता है। |
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका; मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया। |
हाल तो पूछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी; ज़ब ज़ब सुनी है कमबख्त मोहब्बत ही हुई है। |
मुझे याद करने से ये मुद्दा था; निकल जाए दम हिचकियाँ आते आते। |
जब पास हों तो रुख से निगाहें ना मोड़ना; जब दूर हों तो मेरा तस्सावुर न छोड़ना; सोच लेना दिल लगाने से पहले एक बार; मुश्किल बहुत है निभाने रिश्ते, भूल कर भी कभी इनकी ज़ंजीरें ना तोडना। |
आँखों में देख कर वो दिल की हकीकत जानने लगे; उनसे कोई रिश्ता भी नहीं फिर भी अपना मानने लगे; बन कर हमदर्द कुछ ऐसे उन्होंने हाथ थामा मेरा; कि हम खुदा से दर्द की दुआ मांगने लगे। |
वादा करके और भी आफ़त में डाला आपने; ज़िन्दगी मुश्किल थी, अब मरना भी मुश्किल हो गया। |