भरे हैं काँटों से रास्ते सारे, मगर फिर भी हम चले जा रहे हैं; भूल गया है कोई अपना हमें, मगर हम उन्हें याद किये जा रहे हैं; आयेंगे एक बार वो फिर ये उम्मीद है; इसी उम्मीद के सहारे हम बस जिए जा रहे हैं। |
जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं; वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं; झूठा ही सही मेरे यार का वादा; हम सच मान कर ऐतबार करते हैं। |
कोई शाम आती है आपकी याद लेकर; कोई शाम जाती है आपकी याद देकर; हमें तो इंतज़ार है उस हसीन शाम का; जो आये कभी आपको साथ लेकर। |
पल-पल इंतज़ार किया एक पल के लिए; वो पल आया भी तो एक पल के लिए; अब तो हर पल इंतज़ार है उस पल के लिए; कि वो पल आये फिर से एक पल के लिए। |
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती है; जो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती है; कितने खाएं हैं धोखे इस मोहब्बत की राहों में; फिर भी आँखें उसी के इंतज़ार में क्यों रोती हैं। |
वफ़ा में अब यह हुनर इख़्तियार करना है; वो सच कहें या ना कहें बस ऐतबार करना है; यह तुझको जागते रहने का शौंक कबसे हो गया; मुझे तो खैर बस तेरा इंतज़ार करना है। |
चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर; आज इंतज़ार तेरा, दिल को हद से ज्यादा है! |
ना जाने कब तक ये आँखें उसका इंतज़ार करेंगी; उसकी याद में कब तक खुद को बेक़रार करेंगी; उसे तो एहसास तक नहीं इस मोहब्बत का यारो; ना जाने कब तक यह धड़कन उसका ऐतबार करेगी। |
बेवफाई का डर था तो प्यार क्यों किया; तनहाई का डर था तो इकरार क्यों किया; मुझसे मौत भी पूछेगी आने से पहले; कि जब पता था वो नहीं आने वाले; फिर भी तुमने उनका इंतजार क्यों किया। |
उसके इंतज़ार के मारे हैं हम; बस उसकी यादों के सहारे हैं हम; दुनिया जीत के करना क्या है अब; जिसे दुनिया से जीतना था उसी से हारे हैं हम। |