इज़हार Hindi Shayari

  • किन लफ्जों में लिखूँ, मैं अपने इन्तजार को तुम्हें;<br/>
बेजुबां हैं इश्क़ मेरा, और ढूँढता हैं खामोशी से तुझे!Upload to Facebook
    किन लफ्जों में लिखूँ, मैं अपने इन्तजार को तुम्हें;
    बेजुबां हैं इश्क़ मेरा, और ढूँढता हैं खामोशी से तुझे!
  • करते नहीं इज़हार फिर क्यों करते हो तुम प्यार,<br/>
नज़रों से बातें बहुत हुई अब लब से करो इकरार।Upload to Facebook
    करते नहीं इज़हार फिर क्यों करते हो तुम प्यार,
    नज़रों से बातें बहुत हुई अब लब से करो इकरार।
  • हमने हमारे इश्क़ का इज़हार यूँ किया;<br />
फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया।Upload to Facebook
    हमने हमारे इश्क़ का इज़हार यूँ किया;
    फूलों से तेरा नाम पत्थरों पे लिख दिया।
  • उसको चाहा दिल-ओ-जान से पर इज़हार करना नहीं आया;<br/>
कट गयी सारी उम्र मगर हमें इश्क़ करना नहीं आया;<br/>
उसने हमसे कुछ माँगा भी तो माँग ली जुदाई;<br/>
इश्क़ में उसके डूबे थे हम इस कदर कि हमें इंकार करना नहीं आया।Upload to Facebook
    उसको चाहा दिल-ओ-जान से पर इज़हार करना नहीं आया;
    कट गयी सारी उम्र मगर हमें इश्क़ करना नहीं आया;
    उसने हमसे कुछ माँगा भी तो माँग ली जुदाई;
    इश्क़ में उसके डूबे थे हम इस कदर कि हमें इंकार करना नहीं आया।
  • मिला वो भी नहीं करते मिला मैं भी नहीं करता;
    वफ़ा वो भी नहीं करते वफ़ा मैं भी नहीं करता;
    ये भी सच है कि मोहब्बत उन्हें भी है मोहब्बत मुझे भी है;
    मगर इज़हार वो भी नहीं करते इक़रार मैं भी नहीं करता।
  • जज़्बात मेरे कहीं कुछ खोये हुए से हैं;<br/>
कहूँ कैसे हम उनसे थोड़ा शर्माए हुए से हैं;<br/>
पर आज न रोक सकूंगा जज़्बातों को मैं अपने;<br/>
करते हैं प्यार हम उनसे पर थोड़ा घबराये हुए से हैं।Upload to Facebook
    जज़्बात मेरे कहीं कुछ खोये हुए से हैं;
    कहूँ कैसे हम उनसे थोड़ा शर्माए हुए से हैं;
    पर आज न रोक सकूंगा जज़्बातों को मैं अपने;
    करते हैं प्यार हम उनसे पर थोड़ा घबराये हुए से हैं।
  • कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझे;<br/>
निगाहों में अपनी समा लो मुझे;<br/>
आज हिम्मत कर के कहता हूँ;<br/>
मैं तुम्हारा हूँ अब तुम ही संभालो मुझे।Upload to Facebook
    कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझे;
    निगाहों में अपनी समा लो मुझे;
    आज हिम्मत कर के कहता हूँ;
    मैं तुम्हारा हूँ अब तुम ही संभालो मुझे।
  • नजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होता;<br/>
कहीं पे रुक जाना किसी का इंतज़ार नही होता;<br/>
अरे प्यार तब तक नही होता, जब तक इजहार नही होता।Upload to Facebook
    नजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होता;
    कहीं पे रुक जाना किसी का इंतज़ार नही होता;
    अरे प्यार तब तक नही होता, जब तक इजहार नही होता।
  • उस के साथ रहते रहते हमें चाहत सी हो गयी;
    उससे बात करते करते हमें आदत सी हो गयी;
    एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है;
    दोस्ती निभाते निभाते हमें मोहब्बत सी हो गयी।
  • तेरे हाथों में मुझे अपनी तक़दीर नज़र आती है;<br/>
देखूं मैं जो भी चेहरा तेरी तस्वीर नजर आती है।Upload to Facebook
    तेरे हाथों में मुझे अपनी तक़दीर नज़र आती है;
    देखूं मैं जो भी चेहरा तेरी तस्वीर नजर आती है।