तेरा अक्स गढ़ गया है, आँखों में कुछ ऐसा; सामने खुदा भी हो तो, दिखता है हू-ब-हू तुझ जैसा! |
अदा है, ख्वाब है, तकसीम है, तमाशा है; एक शख्स मेरी इन आँखो में बेतहाशा है! |
मेरे आँसुओं से भी आती है खुशबू, जब से इन आँखों में तुझे बसाया है; जख्म भी मीठे लगते हैं, जब से तूने ये मेरा दिल चुराया है! |
इश्क की बहुत सारी उधारियां है, तुम पर; चुकाने की बात करो तो, कुछ किश्तें तय कर लें! |
मोहब्बत तो वो बारिश है, जिसे छूने की चाहत में; हथेलियां तो गीली हो जाती हैं, पर हाथ खाली ही रह जाते हैं! |
बरसो बाद तेरे करीब से गुज़रे, जो न संभलते तो गुज़र ही जाते। |
दिल में है जो बात किसी भी तरह कह डालिये, जिंदगी ही ना बीत जाये कहीं बताने में। |
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा; सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा; ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में; सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा। |
कितना प्यार है तुमसे, वो लफ्ज़ों के सहारे कैसे बताऊँ, महसूस कर मेरे एहसास को, अब गवाही कहाँ से लाऊँ। |
मुझे हुक्म हुआ है कुछ और माँग उसके सिवा; मैं महफ़िल से उठ गया, कि मुझे ज़ुस्तुजू नहीं किसी और की। |