गिला शिकवा Hindi Shayari

  • दर्द तो वही देते हैं, जिन्हें आप अपना होने का हक़ देते हैं;<br/>
वरना गैर तो हल्का सा धक्का लगने पर भी माफ़ी माँग लेते हैं!Upload to Facebook
    दर्द तो वही देते हैं, जिन्हें आप अपना होने का हक़ देते हैं;
    वरना गैर तो हल्का सा धक्का लगने पर भी माफ़ी माँग लेते हैं!
  • कभी-कभी सोचता हूँ कि भूल जाऊँ उसे,<br/>
पर फिर याद आया कि उसके जैसा मिले भी तो कोई!Upload to Facebook
    कभी-कभी सोचता हूँ कि भूल जाऊँ उसे,
    पर फिर याद आया कि उसके जैसा मिले भी तो कोई!
  • या तो हमें मुक्कमल चालाकियाँ सिखाई जायें,<br/>
नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियां बसाई जायें !Upload to Facebook
    या तो हमें मुक्कमल चालाकियाँ सिखाई जायें,
    नहीं तो मासूमों की अलग बस्तियां बसाई जायें !
  • शिकायत तो आज भी मुझे खुद से है,<br/>
खैर तुमसे तो इश्क़ ही रहेगा!Upload to Facebook
    शिकायत तो आज भी मुझे खुद से है,
    खैर तुमसे तो इश्क़ ही रहेगा!
  • हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,<br/>
जिसने जीता उसने भी फेंका और जो हारा उसने भी फेंका!Upload to Facebook
    हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह,
    जिसने जीता उसने भी फेंका और जो हारा उसने भी फेंका!
  • करो फिर से कोई वादा कभी न बिछड़ने का,<br/>
तुम्हें क्या फर्क पड़ता है फिर से मुकर जाना!Upload to Facebook
    करो फिर से कोई वादा कभी न बिछड़ने का,
    तुम्हें क्या फर्क पड़ता है फिर से मुकर जाना!
  • अभी तो साथ चलना है, समंदर की मुसाफत में,<br/>
किनारे पर ही देखेंगे, किनारा कौन करता है।Upload to Facebook
    अभी तो साथ चलना है, समंदर की मुसाफत में,
    किनारे पर ही देखेंगे, किनारा कौन करता है।
  • तोड़ दे मेरे दिल को पर इसे अपने पास तो रख;<br/>
मुझे खुद से दूर ना कर मेरे मरने तक मुझे साथ तो रख!Upload to Facebook
    तोड़ दे मेरे दिल को पर इसे अपने पास तो रख;
    मुझे खुद से दूर ना कर मेरे मरने तक मुझे साथ तो रख!
  • एक दिन भी ना निभा सकेंगे मेरा किरदार;<br/>
वो लोग जो मुझे मशवरे हजार देते हैं!Upload to Facebook
    एक दिन भी ना निभा सकेंगे मेरा किरदार;
    वो लोग जो मुझे मशवरे हजार देते हैं!
  • दुनिया की क्या मजाल देता हमें कोई फरेब;<br/>
अपनी ही आरजू के हुए हम शिकार हैं!Upload to Facebook
    दुनिया की क्या मजाल देता हमें कोई फरेब;
    अपनी ही आरजू के हुए हम शिकार हैं!