गिला शिकवा Hindi Shayari

  • रेत पर नाम लिखते नहीं क्योंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं;<br/>
लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!Upload to Facebook
    रेत पर नाम लिखते नहीं क्योंकि रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं;
    लोग कहते हैं पत्थर दिल हैं हम लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!
  • नफरतों के शहर में चालाकियों के डेरे हैं!<br/>
यहाँ वो लोग रहते हैं जो तेरे मुँह पर तेरे हैं और मेरे मुँह पर मेरे हैं!Upload to Facebook
    नफरतों के शहर में चालाकियों के डेरे हैं!
    यहाँ वो लोग रहते हैं जो तेरे मुँह पर तेरे हैं और मेरे मुँह पर मेरे हैं!
  • करता नहीं है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;<br/>
हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!Upload to Facebook
    करता नहीं है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;
    हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!
  • करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;<br/>
हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!Upload to Facebook
    करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की;
    हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की!
  • ये भी एक तमाशा है इश्क और मोहब्बत में;<br/>
दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है!Upload to Facebook
    ये भी एक तमाशा है इश्क और मोहब्बत में;
    दिल किसी का होता है और बस किसी का चलता है!
  • सादगी इतनी भी नहीं है अब बाक़ी मुझमें;<br/>
कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं!Upload to Facebook
    सादगी इतनी भी नहीं है अब बाक़ी मुझमें;
    कि तू वक़्त गुज़ारे और मैं मोहब्बत समझूं!
  • आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम;<br/>
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गए हम!Upload to Facebook
    आ देख मेरी आँखों के ये भीगे हुए मौसम;
    ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गए हम!
  • उसने कहा तुम्हें कौन सा तोहफा दूँ;<br/>
मैंने कहा वो शाम जो अभी तक उधार है!Upload to Facebook
    उसने कहा तुम्हें कौन सा तोहफा दूँ;
    मैंने कहा वो शाम जो अभी तक उधार है!
  • साहिल पे लोग यूँ ही खड़े देखते रहे;<br/>
दरिया में हम जो उतरे तो दरिया उतर गया!Upload to Facebook
    साहिल पे लोग यूँ ही खड़े देखते रहे;
    दरिया में हम जो उतरे तो दरिया उतर गया!
    ~ Abdullah Javed
  • गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए;<br/>
लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए!Upload to Facebook
    गो ज़रा सी बात पर बरसों के याराने गए;
    लेकिन इतना तो हुआ कुछ लोग पहचाने गए!
    ~ Khatir Ghaznavi