गिला शिकवा Hindi Shayari

  • मोहब्बत का ख़ुमार उतरा तो, ये एहसास हुआ;
    जिसे मन्ज़िल समझते थे, वो तो बेमक़सद रास्ता निकला!
  • नज़र अंदाज़ करने की वज़ह क्या है बता भी दो;
    मैं वही हूँ, जिसे तुम दुनिया से बेहतर बताती थी।
  • आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ;
    एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में!
  • मैं इस काबिल तो नही कि कोई अपना समझे,
    पर इतना यकीन है, कोई अफसोस जरूर करेगा मुझे खो देने के बाद।
  • ये रस्म, ये रिवाज, ये कारोबार वफ़ाओं का सब छोड़ आना तुम;<br/>
मेरे बिखरने से जरा पहले लौट आना तुम।Upload to Facebook
    ये रस्म, ये रिवाज, ये कारोबार वफ़ाओं का सब छोड़ आना तुम;
    मेरे बिखरने से जरा पहले लौट आना तुम।
  • पतझड़ भी हिस्सा है जिंदगी के मौसम का,
    फर्क सिर्फ इतना है कुदरत में पत्ते सूखते हैं और हकीकत में रिश्ते।
  • यूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है;<br/>
मगर झूठी हँसी हँसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है।Upload to Facebook
    यूँ तो सिखाने को जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है;
    मगर झूठी हँसी हँसने का हुनर तो मोहब्बत ही सिखाती है।
  • ऐ चाँद जा, क्यों आया है अब मेरी चौखट पर;<br/>
छोड़ गया है वो शख्स, जिसकी याद में तुम्हें देखा करते थे।Upload to Facebook
    ऐ चाँद जा, क्यों आया है अब मेरी चौखट पर;
    छोड़ गया है वो शख्स, जिसकी याद में तुम्हें देखा करते थे।
  • कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना;
    वो कौन सी मोहब्बत थी जो हम तुम्हें दे ना सके।
  • तुम मुझे हँसी-हँसी में खो तो दोगे,<br/>
पर याद रखना फिर आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे।Upload to Facebook
    तुम मुझे हँसी-हँसी में खो तो दोगे,
    पर याद रखना फिर आंसुओं में ढ़ूंढ़ोगे।