ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • ज़िंदगी को हमेशा मुस्कुरा कर गुज़ारो,<br/>
क्योंकि आप नहीं जानते की यह कितनी बाक़ी है।Upload to Facebook
    ज़िंदगी को हमेशा मुस्कुरा कर गुज़ारो,
    क्योंकि आप नहीं जानते की यह कितनी बाक़ी है।
  • न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती;<br/>

ये ज़िंदगी है हिसाबों से जी नहीं जाती!Upload to Facebook
    न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती;
    ये ज़िंदगी है हिसाबों से जी नहीं जाती!
  • ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हे तुम्हारी शख्सियत की खबर;<br/>
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो, कितने लाजवाब हो तुम!Upload to Facebook
    ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हे तुम्हारी शख्सियत की खबर;
    कभी हमारी आँखो से आकर पूछो, कितने लाजवाब हो तुम!
  • न किस्सों में, और न किस्तों में,<br/>
जिंदगी की खूबसूरती है चंद सच्चे रिश्तों में!Upload to Facebook
    न किस्सों में, और न किस्तों में,
    जिंदगी की खूबसूरती है चंद सच्चे रिश्तों में!
  • जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता;<br/>
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता!Upload to Facebook
    जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता;
    मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता!
    ~ Javed Akhtar
  • इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन;<br/>
देखे हैं हम ने हौसले पर्वरदिगार के!
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    इक फ़ुर्सत-ए-गुनाह मिली वो भी चार दिन;
    देखे हैं हम ने हौसले पर्वरदिगार के!
    ~ Faiz Ahmad Faiz
  • जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना;<br/>
कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है!Upload to Facebook
    जो लम्हा साथ हैं, उसे जी भर के जी लेना;
    कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है!
  • महफ़िल में हँसना तो हमारा मिज़ाज़ बन गया,<br/>
तन्हाई में रोना एक राज़ बन गया;<br/>
दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर ना होने दिया,<br/>
यही ज़िन्दगी जीने का अंदाज़ बन गया!Upload to Facebook
    महफ़िल में हँसना तो हमारा मिज़ाज़ बन गया,
    तन्हाई में रोना एक राज़ बन गया;
    दिल के दर्द को चेहरे से ज़ाहिर ना होने दिया,
    यही ज़िन्दगी जीने का अंदाज़ बन गया!
  • गर मर जाए एहसास किसी की रूह से बेवक्त,<br/>
ज़िंदगी की तल्ख़ हक़ीक़त से आदमी रू-ब-रू होता है!Upload to Facebook
    गर मर जाए एहसास किसी की रूह से बेवक्त,
    ज़िंदगी की तल्ख़ हक़ीक़त से आदमी रू-ब-रू होता है!
  • ज़िन्दगी तो अपने क़दमों पे चलती है 'फ़राज़';<br/>
औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं।Upload to Facebook
    ज़िन्दगी तो अपने क़दमों पे चलती है 'फ़राज़';
    औरों के सहारे तो जनाज़े उठा करते हैं।
    ~ Ahmad Faraz