दर्द Hindi Shayari

  • कौन पूछता है पिंजरे में बंद 'परिंदों' को ग़ालिब;<br/>
याद वही आते हैं उड़ जाते हैं!Upload to Facebook
    कौन पूछता है पिंजरे में बंद 'परिंदों' को ग़ालिब;
    याद वही आते हैं उड़ जाते हैं!
  • ख़्वाबों की ज़मीन पर रखा था पाँव छिल गया;<br/>
कौन कहता है ख्वाब मखमली होते हैं!Upload to Facebook
    ख़्वाबों की ज़मीन पर रखा था पाँव छिल गया;
    कौन कहता है ख्वाब मखमली होते हैं!
  • ये किस अंदाज में तुमने मेरी मोहब्बत का सौदा किया;<br/>
ना दूसरों के लायक छोड़ा ना खुद का होने दिया!Upload to Facebook
    ये किस अंदाज में तुमने मेरी मोहब्बत का सौदा किया;
    ना दूसरों के लायक छोड़ा ना खुद का होने दिया!
  • फिर छलावे में हमदर्दों के चोट खाओगे;<br/>
किसी को ज़ख्म दिखाए तो सज़ा पाओगे!Upload to Facebook
    फिर छलावे में हमदर्दों के चोट खाओगे;
    किसी को ज़ख्म दिखाए तो सज़ा पाओगे!
  • ज़िंदगी सब्र के अलावा कुछ भी नहीं है,<br/>
मैंने हर शख़्स को यहाँ ख़ुशियों का इंतजार करते देखा है!Upload to Facebook
    ज़िंदगी सब्र के अलावा कुछ भी नहीं है,
    मैंने हर शख़्स को यहाँ ख़ुशियों का इंतजार करते देखा है!
  • हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,<br/>
लफ़्ज़ कागज़ पर उतर जादूगरी करने लगे;<br/>
क़ामयाबी जिसने पाई उनके घर तो बस गये,<br/>
जिनके दिल टूटे वो आशिक़ शायरी करने लगे!Upload to Facebook
    हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे,
    लफ़्ज़ कागज़ पर उतर जादूगरी करने लगे;
    क़ामयाबी जिसने पाई उनके घर तो बस गये,
    जिनके दिल टूटे वो आशिक़ शायरी करने लगे!
  • कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए;<br/>
मैं सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए!Upload to Facebook
    कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए;
    मैं सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए!
  • एक फ़क़त याद है जाना उसका;
    और कुछ उसके सिवा याद नहीं!
  • हमने वक़्त से दोस्ती कर ली है,<br/>
सुना है ये अच्छे अच्छों को बदल देता है!Upload to Facebook
    हमने वक़्त से दोस्ती कर ली है,
    सुना है ये अच्छे अच्छों को बदल देता है!
  • हम तो जोड़ना जानते है, तोड़ना सीखा ही नहीं;<br/>
खुद टूट जाते हैं अक्सर लेकिन, किसी को छोड़ना सीखा ही नहीं!Upload to Facebook
    हम तो जोड़ना जानते है, तोड़ना सीखा ही नहीं;
    खुद टूट जाते हैं अक्सर लेकिन, किसी को छोड़ना सीखा ही नहीं!