दिल को तोड़ने के लिए पत्थरों की ज़रूरत नहीं होती, ये दिल तो बिखर जाते है सिर्फ लफ़्ज़ों की चोट से! |
हम तो तेरे दिल की महफ़िल सजाने आए थे, तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे; किस बात की सजा दी तुमने हमको बेवफा, हम तो तेरे दर्द को अपना बनाने आए थे! |
पीते-पीते ज़हर-ए-ग़म अब जिस्म नीला पड़ गया; कुछ दिनों में देखना हम आसमां होने को हैं! |
खता हो गयी तो सजा बता दो, दिल में इतना दर्द क्यों है वजह बता दो; देर हो गयी है याद करने में ज़रूर, लेकिन तुमको भुला देंगे ये ख्याल दिल से मिटा दो। |
भटक जाते हैं लोग अक्सर इश्क की गलियों में; मोहब्बत के सफर का एक नक्शा भी होना चाहिए! |
मेरी मोहब्बत की ना सही, मेरे सलीक़े की तो दाद दे; तेरा ज़िक्र रोज़ करते हैं, तेरा नाम लिये बग़ैर! |
मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है; अब आप की ख़ुशी इसे काँटों में तौलिए! |
एक वो हैं कि जिन्हें अपनी ख़ुशी ले डूबी; एक हम हैं कि जिन्हें ग़म ने उभरने न दिया! |
मैं एक संजीदा साहिल हूँ, मुझे मौजों से क्या मतलब, कई तूफ़ान आये पर, मेरी फितरत नहीं बदली! |
दर्द ही सही मेरे इश्क़ का इनाम तो आया, खाली ही सही होठों तक जाम तो आया; मैं हूँ बेवफा सबको बताया उसने, यूँ ही सही चलो उसके लबों पर मेरा नाम तो आया! |