फिर कभी नहीं हो सकती मोहब्बत सुना तुमने; वो शख्स भी एक था और मेरा दिल भी एक! |
एक अलग सी पहचान बनाने की आदत है हमें; जख्म हो जितना गहरा उतना मुस्कुराने की आदत है हमें! |
न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की; अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की! |
कुछ दिल में, कुछ कागजों पर किस्से आबाद रहे; कैसे भूले उन्हें, जो हर धडकनों में याद रहे! |
शीशा टूटे ग़ुल मच जाए; दिल टूटे आवाज़ न आए। |
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का; उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले। |
कसूर मेरा था तो कसूर उनका भी था; नज़र हमने जो उठाई थी तो वो झुका भी सकते थे! |
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर; फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर। |
ये अलग बात है दिखाई न दे मगर शामिल ज़रूर होता है; खुदकुशी करने वाले का भी कोई न कोई कातिल जरूर होता है! |
किसी ने कहा था मोहब्बत फूल जैसी है; कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा! |