दोस्ती Hindi Shayari

  • तुफानों ​की दुश्मनी से न बचते तो खैर थी​;
    ​साहिल से दोस्तों के भरम ने डुबो दिया​।
  • दुनिया की ठोकरों से एक ही सबक सीखा है ए दोस्त;
    तमाम मुश्किलों का हाल एक सज़दा-ए-खुद में छुपा है।
  • तन्हा था इस दुनिया की भीड़ में;​<br/>सोचा था कोई नहीं है  मेरी तक़दीर में;​<br/>
एक दिन फिर तुमने थाम लिया हाथ मेरा;​<br/>​फिर लगा कि बहुत ​ख़ास था इस हाथ की लकीर में। Upload to Facebook
    तन्हा था इस दुनिया की भीड़ में;​
    सोचा था कोई नहीं है मेरी तक़दीर में;​
    एक दिन फिर तुमने थाम लिया हाथ मेरा;​
    ​फिर लगा कि बहुत ​ख़ास था इस हाथ की लकीर में।
  • कुछ खूबसूरत से पल किस्सा  बन जाते है;​<br/>
जाने  कब जिंदगी का हिस्सा बन जाता है;​<br/>
​कुछ लोग अपने होकर भी अपने नहीं होते;​<br/>
और कुछ बेगाने होकर भी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है।Upload to Facebook
    कुछ खूबसूरत से पल किस्सा बन जाते है;​
    जाने कब जिंदगी का हिस्सा बन जाता है;​
    ​कुछ लोग अपने होकर भी अपने नहीं होते;​
    और कुछ बेगाने होकर भी जिंदगी का हिस्सा बन जाते है।
  • दोस्तों पर तो शराफत का असर होता नहीं;<br/>
इसलिए मैं आज आया हूँ उतर औकात पर।Upload to Facebook
    दोस्तों पर तो शराफत का असर होता नहीं;
    इसलिए मैं आज आया हूँ उतर औकात पर।
  • है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें;<br/>
नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल।Upload to Facebook
    है खबर अच्छी कि आजा मुंह तेरा मीठा करें;
    नफरतें तेरी हुई हैं बा-खुशी दिल को कुबूल।
  • कोई मिला ही नहीं जिसकों वफ़ा देता;<br/>
सभी ने धोखा दिया किस-किस को सजा देता;<br/>
ये तो हम थे कि चुप रह गये वर्ना;<br/>
दास्तान सुनाता तो महफ़िल को रुला देता।Upload to Facebook
    कोई मिला ही नहीं जिसकों वफ़ा देता;
    सभी ने धोखा दिया किस-किस को सजा देता;
    ये तो हम थे कि चुप रह गये वर्ना;
    दास्तान सुनाता तो महफ़िल को रुला देता।
  • क्या पता था, दोस्त ऐसे भी दगा दे जाएगा;<br/>
अपने दुश्मन को मेरे घर कापता दे जाएगा।Upload to Facebook
    क्या पता था, दोस्त ऐसे भी दगा दे जाएगा;
    अपने दुश्मन को मेरे घर कापता दे जाएगा।
  • जब से कुछ दोस्त, अमीर हो गये;<br/>
नज़रों में उनकी, हम गरीब हो गये;<br/>
गुजरी है जिनकी, सलाखों के पीछे;<br/>
सियासत के दम पे, शरीफ हो गये।Upload to Facebook
    जब से कुछ दोस्त, अमीर हो गये;
    नज़रों में उनकी, हम गरीब हो गये;
    गुजरी है जिनकी, सलाखों के पीछे;
    सियासत के दम पे, शरीफ हो गये।
  • जब होता है तुम्हारा दीदार;<br/>
दिल धङकता है बार-बार;<br/>
आदत से मजबूर हो तुम;<br/>
ना जाने कब माँग लो उधार।Upload to Facebook
    जब होता है तुम्हारा दीदार;
    दिल धङकता है बार-बार;
    आदत से मजबूर हो तुम;
    ना जाने कब माँग लो उधार।