दोस्ती इंसान की ज़रुरत है; दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है; आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ; वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है। |
दोस्ती इंसान की ज़रुरत है; दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है; आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ; वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है। |
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया; दोस्तों के लिए दोस्ती का रिस्ता बनाया; पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी कायम; जिसने दोस्ती को दिल से निभाया! |
दोस्ती नहीं है किसी दौलत की मोहताज; कृष्ण के अलावा कौन सी दौलत थी सुदामा के पास! |
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया; दोस्तों के लिए दोस्ती का रिश्ता बनाया; पर कहते हैं दोस्ती रहेगी उसकी कायम; जिसने दोस्ती को दिल से निभाया! |
हुनर बताते अगर उसके ऐब को हम भी; तो दोस्तों में हमें भी शुमार कर लेता! |
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा कर लाए थे; खिलखिलाना दोस्तों से तोहफ़े में मिल गया। |
रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी; दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी; जिसे दोस्त मिल जाये आप जैसा; उसे ज़िन्दगी से शिकायत क्या होगी! |
मेरी आवाज को महफूज कर लो, मेरे दोस्तों; मेरे बाद बहुत सन्नाटा होगा, तुम्हारी महफ़िल में! |
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ, मुनाफ़ा देखकर मैं रिश्तों की सियासत नहीं करता। |