दोस्ती नहीं है किसी दौलत की मोहताज; कृष्ण के अलावा कौन सी दौलत थी सुदामा के पास! |
हुनर बताते अगर उसके ऐब को हम भी; तो दोस्तों में हमें भी शुमार कर लेता! |
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा कर लाए थे; खिलखिलाना दोस्तों से तोहफ़े में मिल गया। |
मेरी आवाज को महफूज कर लो, मेरे दोस्तों; मेरे बाद बहुत सन्नाटा होगा, तुम्हारी महफ़िल में! |
कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त, सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया। |
देखी जो नब्ज मेरी, हँस कर बोला वो हकीम, जा जमा ले महफिल दोस्तों के साथ, तेरे हर मर्ज की दवा वही है। |
तू गलती से भी कन्धा न देना मेरे जनाजे को ऐ दोस्त, कहीं फिर जिन्दा न हो जाऊं तेरा सहारा देखकर। |
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते यारो; एक जान है जब दिल चाहे माँग लेना। |
दोस्त वो जो आपके जज़्बात को समझे, हमसफ़र वो जो आपके एहसास को समझे, मिल तो जाते हैं सब अपने कहने वाले; पर अपना वो जो बिन कहे आपकी हर बात को समझे। |
ना छुपाना कोई बात दिल में हो अगर; रखना थोड़ा भरोसा हम पर; हम निभाएंगे दोस्ती का यह रिश्ता इस कदर; कि भुलाने पर भी ना भुला पाओगे हमें ज़िंदगी भर। |