साकी और शराब Hindi Shayari

  • मयखाने की इज्जत का सवाल था जनाब;<br/>
पास से गुजरे तो थोडा लडख़ड़ा दिए!Upload to Facebook
    मयखाने की इज्जत का सवाल था जनाब;
    पास से गुजरे तो थोडा लडख़ड़ा दिए!
  • अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ पर;<br/>
अगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आयेंगे। <br/><br/>

अर्थ:<br/>
तिश्नगी -  प्यास, पिपासा, तृष्णा, लालसा, अभिलाषा, इश्तियाक <br/>
कामिल - पूरा, सम्पूर्ण, मुकम्मल <br/>
पैमाने - शराब का गिलास, पानपात्रUpload to Facebook
    अलग बैठे थे फिर भी आँख साकी की पड़ी मुझ पर;
    अगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आयेंगे।

    अर्थ:
    तिश्नगी - प्यास, पिपासा, तृष्णा, लालसा, अभिलाषा, इश्तियाक
    कामिल - पूरा, सम्पूर्ण, मुकम्मल
    पैमाने - शराब का गिलास, पानपात्र
    ~ Majrooh Sultanpuri
  • होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ;<br/>
जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ;<br/>
खौफ इस कदर होता है यादों का;<br/>
जाम की महफिल में नजर आता हूँ!Upload to Facebook
    होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ;
    जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ;
    खौफ इस कदर होता है यादों का;
    जाम की महफिल में नजर आता हूँ!
  • मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं;<br/>
जहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं, ज़मीर नहीं!Upload to Facebook
    मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं;
    जहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं, ज़मीर नहीं!
  • बात सजदों की नहीं नीयत की है;<br/>
मयखाने में हर कोई शराबी नहीं होता!Upload to Facebook
    बात सजदों की नहीं नीयत की है;
    मयखाने में हर कोई शराबी नहीं होता!
  • कुछ भी ना बचा कहने को हर बात हो गयी;<br/>
आओ चलो शराब पियें रात हो गयी!Upload to Facebook
    कुछ भी ना बचा कहने को हर बात हो गयी;
    आओ चलो शराब पियें रात हो गयी!
  • मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं;<br/>
जहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं ज़मीर नहीं!Upload to Facebook
    मयख़ाने से बढ़कर कोई ज़मीन नहीं;
    जहाँ सिर्फ़ क़दम लड़खड़ाते हैं ज़मीर नहीं!
  • यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब से;<br/>
इश्क की राहों में तन्हा मिली तो हमसफ़र बन गई!Upload to Facebook
    यूँ तो ऐसा कोई ख़ास याराना नहीं है मेरा शराब से;
    इश्क की राहों में तन्हा मिली तो हमसफ़र बन गई!
  • कर दो तब्दील अदालतों को मयखानों में साहब;
    सुना है नशे में कोई झूठ नहीं बोलता!
  • मेरे घर से मयखाना इतना करीब न था,<br/>
ऐ दोस्त कुछ लोग दूर हुए तो मयखाना करीब आ गया।Upload to Facebook
    मेरे घर से मयखाना इतना करीब न था,
    ऐ दोस्त कुछ लोग दूर हुए तो मयखाना करीब आ गया।