हास्य Hindi Shayari

  • क्या बताए ग़ालिब वो गुस्से में भी हम पे रहम कर गई;
    लगाया कस के चांटा और सर्दी में गाल गरम कर गई।
  • मेरे इश्क की बोलिंग ने उसके दिल की विकेट बहुत उम्दा तरीके से गिराई;
    तकदीर ऐसी हमारी, अंपायर उसका बाप निकला, जिसने ऊँगली नहीं उठाई!
  • धन से बेशक गरीब रहो पर दिल से रहना धनवान;
    अक्सर झोपडी पे लिखा होता है सुस्वागतम;
    और महल वाले लिखते है कुत्ते से सावधान।
  • हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी, कि हर ख्वाहिश पे Rum निकले;
    जी भर के कभी ना पी पाया, क्योंकि जेब में पैसे कम निकले।
  • जब तुम अंगडाई लेते हो, हमारा दम निकल जाता है;
    ऐ ज़ालिम, ये बता नहाने में तुम्हारा क्या जाता है।
  • तेरे ग़म में तड़प कर मर जायेंगे;
    मर गए तो तेरा नाम ले जायेंगे;
    रिश्वत देकर तुझे भी बुलायेंगे;
    तुम ऊपर आओगे तो साथ बैठकर कुरकुरे खायेंगे।
  • हीर रो-रो कर रांझे से कह रही है;
    हीर रो-रो कर रांझे से कह रही है;
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    हाथ छोड़ कमीने मेरी नाक बह रही है।
  • न वफ़ा का ज़िक्र होगा;
    न वफ़ा की बात होगी;
    अब मोहब्बत जिस से भी होगी;
    राखी के बाद होगी।
  • हमारे ऐतबार की हद ना पूछ ग़ालिब;<br/>

उसने दिन को रात कहा और हमने पैग बना लिया।Upload to Facebook
    हमारे ऐतबार की हद ना पूछ ग़ालिब;
    उसने दिन को रात कहा और हमने पैग बना लिया।
  • तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी;
    तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी;
    क्या उधर लाइट आ री?
    इधर तो आ री - जा री, आ री - जा री!