Hindi Shayari

  • रेख़्ते के तुम्हीं उस्ताद नहीं हो 'ग़ालिब';
    कहते हैं अगले ज़माने में कोई 'मीर' भी था!
    ~ मिर्ज़ा ग़ालिब
  • दिल गया रौनक़-ए-हयात गई;
    ग़म गया सारी कायनात गई!
    ~ Yousa Qureshi
  • तुम्हें बस यह बताना चाहता हूँ;
    मैं तुमसे क्या छुपाना चाहता हूँ!
    कभी मुझसे भी कोई झूठ बोलो;
    मैं हाँ में हाँ मिलाना चाहता हूँ!
    अदाकारी बड़ा दुःख दे रही है;
    मैं सचमुच मुस्कुराना चाहता हूँ!
    अमीरी इश्क़ की तुमको मुबारक;
    मैं बस खाना कमाना चाहता हूँ!
    मुझे तुमसे बिछड़ना ही पड़ेगा;
    मैं तुमको याद आना चाहता हूँ!
    ~ फ़हमी बदायूनी
  • आज फ़िर उसकी याद आ गई;
    जब पान वाले ने पूछा कितना चूना लगाऊं!
    ~ Abhijit Mishra
  • दर्द जब दिल में हो तो दवा दीजिए;
    दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए!
    ~ मिर्ज़ा ग़ालिब
  • गम ए दिल सुनाने को दिल चाहता है,
    तुम्हे आज़माने को जी चाहता है;
    सुना है कि जब से बहुत दूर हो तुम,
    बहुत दूर जाने को जी चाहता है;
    उन्हें हम से कोई शिकायत नही है,
    यूँ ही रूठ जाने को जी चाहता है!
    ~ Dr. Azra Raza
  • कोई उम्मीद बर नहीं आती,
    कोई सूरत नज़र नहीं आती;
    मरते हैं आरज़ू में मरने की,
    मौत आती है पर नहीं आती;
    काबा किस मुँह से जाओगे 'ग़ालिब',
    शर्म तुम को मगर नहीं आती!
    ~ मिर्ज़ा ग़ालिब
  • तेरे पास से जो गुज़रे तो जूनून में थे;
    जब दूर जाके सोचा तो ज़ार-ज़ार रोये!
    ~ फ़राज़ साहब
  • मेरे पास से जो, गुज़रा मेरा हाल तक ना पूछा;
    मैं कैसे मान जाऊं, के वो दूर जाके रोया!
    ~ Parveen Shakir Sahiba
  • मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर;
    अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ख़ैर!
    ~ फ़िराक गोरखपुरी