एक तरफ़ा प्यार अब हार रहा है; खुश वही है जो दस जगह मुँह मार रहा है! |
जब कोई ख्याल इस दिल से टकराता है, तो दिल न चाहते हुए भी खामोश हो जाता है; कोई सब कुछ कह कर भी कुछ नही कह पाता है, और कोई बिना कुछ कहे भी सब कुछ कह जाता है! |
याद उसे करो जो इंसान अच्छा हो, प्यार उसे करो जो इंसान सच्चा हो; साथ उसका दो जो इंसान इरादे का पक्का हो, और दिल उसको दो जो सूरत से नहीं दिल से अच्छा हो! |
रफ़्ता रफ़्ता ये पल भी गुज़र जाएगा, शाम होते ही परिंदा सज़र जाएगा; जरूरी नहीं हर आशिक़ को जहर ही पिलाना, इश्क़ में है वो ख़ुद तड़प के मर जाएगा! |
ये माना के वो मेरा यार नहीं है, ऐसा भी नहीं के प्यार नहीं है; ऐसे कैसे उसे मैं दिल से निकालूं, वो मालिक है इसका किरायेदार नहीं है! |
दामन पे कोई छींट न ख़ंजर पे कोई दाग़, तुम क़त्ल करो हो कि करामात करो हो..! |
उसे कहो बहुत जल्द मिलने आए हमें, अकेले रहने की आदत ही पड़ ना जाए हमें; अभी तो आँख में जलते हैं बेशुमार चिराग़, हवा-ए हिज्र जऱा खुल कर आज़माएँ हमें; हर इक की बात पे कहता नहीं है दिल लब्बैक, पसंद आती नहीं हर किसी की राय हमें; हमारे दिल तो मिले आदतें नहीं मिलती, उसे पसंद नही कॉफ़ी और चाय हमें! |
बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं; लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं! नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है; मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं! हमारे दिल को अभी मुस्तक़िल पता न बना; हमें पता है तिरा दिल उधर लगेगा नहीं! |
खुद पे वार के फेंके हैं ऐसे-वैसे बहुत; मेरा गुरुर सलामत रहे तेरे जैसे बहुत ..!! |
ज़िंदगी से बड़ी सज़ा ही नहीं, और क्या जुर्म है पता ही नहीं; इतने हिस्सों में बट गया हूँ मैं, मेरे हिस्से में कुछ बचा ही नहीं! |