Hindi Shayari

  • कहाँ-कहाँ से इकट्ठा करूँ, ऐ ज़िंदगी तुझको,<br/>

जिधर भी देखूँ, तू ही तू बिखरी पड़ी है।Upload to Facebook
    कहाँ-कहाँ से इकट्ठा करूँ, ऐ ज़िंदगी तुझको,
    जिधर भी देखूँ, तू ही तू बिखरी पड़ी है।
  • उन्होंने कहा, बहुत बोलते हो, अब क्या बरस जाओगे;<br/>
हमने कहा, चुप हो गए तो तुम तरस जाओगे!Upload to Facebook
    उन्होंने कहा, बहुत बोलते हो, अब क्या बरस जाओगे;
    हमने कहा, चुप हो गए तो तुम तरस जाओगे!
  • किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का ईलाज;<br/>
लोगों ने बाँट रखा है मुझे, दवा की तरह।Upload to Facebook
    किसी के ज़ख्म का मरहम, किसी के ग़म का ईलाज;
    लोगों ने बाँट रखा है मुझे, दवा की तरह।
  • आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की;<br/>
ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो!Upload to Facebook
    आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की;
    ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो!
  • अक्सर वो फैंसले मेरे हक़ में गलत हुए;<br/>
जिन फैंसलों के नीचे तेरे दस्तखत हुए!Upload to Facebook
    अक्सर वो फैंसले मेरे हक़ में गलत हुए;
    जिन फैंसलों के नीचे तेरे दस्तखत हुए!
  • कल तुझसे बिछड़ने का फैंसला कर लिया था;<br/>
आज अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ!Upload to Facebook
    कल तुझसे बिछड़ने का फैंसला कर लिया था;
    आज अपने ही दिल को रिश्वत दे रहा हूँ!
  • आया था एक शख्स मेरा दर्द बाँटने;<br/>
रुखसत हुआ तो अपना भी गम दे गया मुझे!Upload to Facebook
    आया था एक शख्स मेरा दर्द बाँटने;
    रुखसत हुआ तो अपना भी गम दे गया मुझे!
  • फ़क्र ये कि तुम मेरे हो;<br/>
फ़िक्र ये कि पता नहीं कब तक।Upload to Facebook
    फ़क्र ये कि तुम मेरे हो;
    फ़िक्र ये कि पता नहीं कब तक।
  • मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा;<br/>
चुप-चाप से बहना, अपनी मौज में रहना।Upload to Facebook
    मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा;
    चुप-चाप से बहना, अपनी मौज में रहना।
  • निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया;<br/>
भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का!Upload to Facebook
    निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया;
    भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का!