Hindi Shayari

  • तुमको नाराज ही रहना है तो कोई बात करो;<br/>
के चुपचाप रहने से मोहब्बत का गुमान होता है!Upload to Facebook
    तुमको नाराज ही रहना है तो कोई बात करो;
    के चुपचाप रहने से मोहब्बत का गुमान होता है!
  • ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की;<br/>
बड़े खुश नसीब हैं वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते!Upload to Facebook
    ना शौक दीदार का ना फिक्र जुदाई की;
    बड़े खुश नसीब हैं वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते!
  • मेहरबान होकर बुला लो मुझे जिस वक़्त;<br/>
मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ!Upload to Facebook
    मेहरबान होकर बुला लो मुझे जिस वक़्त;
    मैं गया वक़्त नहीं कि फिर आ भी ना सकूँ!
  • ताल्लुक़ टूट कर बाद में जो कुछ भी रह गये;<br/>
मगर मोहब्बत में वो पहला मुस्कुराना हमेशा याद आता है!Upload to Facebook
    ताल्लुक़ टूट कर बाद में जो कुछ भी रह गये;
    मगर मोहब्बत में वो पहला मुस्कुराना हमेशा याद आता है!
  • मुझ में बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं;<br/>
तुम अगर चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो!Upload to Facebook
    मुझ में बेपनाह मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं;
    तुम अगर चाहो तो मेरी साँसो की तलाशी ले लो!
  • वो शायद मतलब से मिलते हैं;<br/>
मुझे तो मिलने से मतलब है!Upload to Facebook
    वो शायद मतलब से मिलते हैं;
    मुझे तो मिलने से मतलब है!
  • कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी, चैन से जीने की सूरत न हुयी;<br/>
जिसको चाहा उसको अपना न सके, जो मिला उस से मोहब्बत न हुयी!Upload to Facebook
    कुछ तबियत ही मिली थी ऐसी, चैन से जीने की सूरत न हुयी;
    जिसको चाहा उसको अपना न सके, जो मिला उस से मोहब्बत न हुयी!
  • होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ;<br/>
जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ;<br/>
खौफ इस कदर होता है यादों का;<br/>
जाम की महफिल में नजर आता हूँ!Upload to Facebook
    होते ही शाम मैं किधर जाता हूँ;
    जुदा ख्यालों से मैं बिखर जाता हूँ;
    खौफ इस कदर होता है यादों का;
    जाम की महफिल में नजर आता हूँ!
  • ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं;<br/>
दिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं!Upload to Facebook
    ना हथियार से मिलते हैं ना अधिकार से मिलते हैं;
    दिलों पर कब्जे तो बस प्यार और प्यार से मिलते हैं!
  • मिज़ाज को तल्ख़ियाँ ही रास आईं;<br/>
हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया!Upload to Facebook
    मिज़ाज को तल्ख़ियाँ ही रास आईं;
    हम ने कई बार मुस्कुरा कर देख लिया!