करम ही करना है तुझको तो ये करम कर दे; मेरे खुदा तू मेरी ख्वाहिशों को कम कर दे। |
तेरा पहलू, तेरे दिल की तरह आबाद रहे; तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की। |
ख्वाहिश-ए-ज़िंदगी बस इतनी सी है अब मेरी; कि साथ तेरा हो और ज़िंदगी कभी खत्म न हो। |
कोई गिला कोई शिकवा न रहे आप से; ये आरज़ू है इक सिलसिला बना रहे आप से; बस इक बात की उम्मीद है आप से; दिल से दूर न करना अगर दूर भी रहें आप से। |
चिरागों को आंखों में महफूज रखना; बड़ी दूर तक रात ही रात होगी; मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी; किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी। |
चूमना क्या उसे आँखों से लगाना कैसा; फूल जो कोट से गिर जाये उठाना कैसा; अपने होंठों की हरारत से जगाओ मुझको; यूं सदाओं से दम-ए-सुबह जगाना कैसा! |
काश आँसुओं के साथ यादें बह जाती; काश ये ख़ामोशी सब कुछ कह जाती; काश किस्मत तुमने लिखी होती तो शायद मेरी किस्मत में प्यार की कमी न रह जाती। |
यही बहुत है कि तूने पलट के देख लिया; ये लुत्फ़ भी मेरे अरमां से ज्यादा है। |
सितारों के आगे जहां और भी है; चमन और भी हैं आशियाँ और भी है; कि शाहीन है तु, परवाज़ काम है तेरा; तेरे सामने आसमां और भी है। |
अजीब शख्स है नाराज हो के हंसता है; मैं चाहता हूं ख़फ़ा हो, तो ख़फ़ा ही लगे... |