इज़हार Hindi Shayari

  • आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है;<br/>
जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है!
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    आज हर ख़ामोशी को मिटा देने का मन है;
    जो भी छिपा रखा है मन में लूटा देने का मन है!
    ~ Gulzar
  • मयखाने से पूछा आज, इतना सन्नाटा क्यों है,<br/>
मयखाना भी मुस्कुरा के बोला, लहू का दौर है साहब, अब शराब कौन पीता है!Upload to Facebook
    मयखाने से पूछा आज, इतना सन्नाटा क्यों है,
    मयखाना भी मुस्कुरा के बोला, लहू का दौर है साहब, अब शराब कौन पीता है!
  • कभी तो कोई ख़ुशी चखा ऐ ज़िंदगी;<br/>

तुझसे किसने कह दिया के हमारा रोज़ा है!Upload to Facebook
    कभी तो कोई ख़ुशी चखा ऐ ज़िंदगी;
    तुझसे किसने कह दिया के हमारा रोज़ा है!
  • एक ही बात सीखी है रंगों से;<br/>
ग़र निखरना है तो बिखरना ज़रूरी है!Upload to Facebook
    एक ही बात सीखी है रंगों से;
    ग़र निखरना है तो बिखरना ज़रूरी है!
  • बरसो बाद आज, तेरे करीब से गुज़रे;<br/>
जो न संभलते, तो गुज़र ही जाते!Upload to Facebook
    बरसो बाद आज, तेरे करीब से गुज़रे;
    जो न संभलते, तो गुज़र ही जाते!
  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>

दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।Upload to Facebook
    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • फुर्सत मिली तो तुझ पर भी एक कलाम लिखेंगे,<br/>          
कभी आना मेरे शहर एक शाम तुम्हारे नाम लिखेंगे!Upload to Facebook
    फुर्सत मिली तो तुझ पर भी एक कलाम लिखेंगे,
    कभी आना मेरे शहर एक शाम तुम्हारे नाम लिखेंगे!
  • हर रिश्ते में अमृत बरसेगा, शर्त इतनी है कि;<br/>
शरारतें करो पर, साजिशे नहीं!Upload to Facebook
    हर रिश्ते में अमृत बरसेगा, शर्त इतनी है कि;
    शरारतें करो पर, साजिशे नहीं!
  • वो आ के पहलू में ऐसे बैठे,<br/>
के शाम रंगीन हो गयी है,<br/>
ज़रा-ज़रा-सी खिली तबीयत,<br/>
ज़रा-सी ग़मगीन हो गयी है!Upload to Facebook
    वो आ के पहलू में ऐसे बैठे,
    के शाम रंगीन हो गयी है,
    ज़रा-ज़रा-सी खिली तबीयत,
    ज़रा-सी ग़मगीन हो गयी है!
  • लफ़्ज़ों के भी ज़ायक़े होते हैं,<br/>
परोसने से पहले चख भी लेना चाहिए!




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    लफ़्ज़ों के भी ज़ायक़े होते हैं,
    परोसने से पहले चख भी लेना चाहिए!