इश्क Hindi Shayari

  • ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना,<br/>
थी आरजू तेरे दर पे सुबह-ओ-शाम करें!<br/><br/>


ग़म-ए-हयात  =  ज़िन्दगी का ग़मUpload to Facebook
    ग़म-ए-हयात ने आवारा कर दिया वर्ना,
    थी आरजू तेरे दर पे सुबह-ओ-शाम करें!

    ग़म-ए-हयात = ज़िन्दगी का ग़म
    ~ Majrooh Sultanpuri
  • हारा हुआ सा वजूद लगता है मेरा;<BR/>
हर किसी ने लूटा है मोहब्बत का वास्ता देकर!Upload to Facebook
    हारा हुआ सा वजूद लगता है मेरा;
    हर किसी ने लूटा है मोहब्बत का वास्ता देकर!
  • यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इंतेहा;<br/>
कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से!Upload to Facebook
    यह मेरा इश्क़ था या फिर दीवानगी की इंतेहा;
    कि तेरे ही करीब से गुज़र गए तेरे ही ख्याल से!
  • हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका;<br/>
मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया!
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    हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका;
    मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया!
    ~ Jigar Moradabadi
  • जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है;<br/>
किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है!Upload to Facebook
    जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है;
    किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है!
  • बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए;<br/>
दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है!Upload to Facebook
    बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्जिद को ढाइए;
    दिल को न तोड़िए ये ख़ुदा का मक़ाम है!
    ~ Aatish Haidar Ali
  • इश़्क तो मर्ज़ ही बुढ़ापे का है;<br/>
जवानी में, फ़ुर्सत ही कहाँ आवारगी से!Upload to Facebook
    इश़्क तो मर्ज़ ही बुढ़ापे का है;
    जवानी में, फ़ुर्सत ही कहाँ आवारगी से!
  • चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम भी;<br/>
ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए।Upload to Facebook
    चलते थे इस जहाँ में कभी सीना तान के हम भी;
    ये कम्बख्त इश्क़ क्या हुआ घुटनो पे आ गए।
  • कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया;<br/>
जिस को ख़ाना-ख़राब होना था।<br/><br/>


कूचा-ए-इश्क़  =  प्यार की गली<br/>
ख़ाना-ख़राब  =  बर्बादUpload to Facebook
    कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया;
    जिस को ख़ाना-ख़राब होना था।

    कूचा-ए-इश्क़ = प्यार की गली
    ख़ाना-ख़राब = बर्बाद
    ~ Jigar Moradabadi
  • चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ;<br/>
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ।<br/><br/>
नशात  =  ख़ुशी<br/>  
महव-ए-यास  =  दुःख में खोनाUpload to Facebook
    चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ;
    तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ।

    नशात = ख़ुशी
    महव-ए-यास = दुःख में खोना
    ~ Sahir Ludhianvi